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ममता कुलकर्णी पर किन्नर अखाड़े में रार, लक्ष्मी नारायण को मिला अखाड़ा परिषद का साथ...


रिपोर्ट: विजित कुशवाहा 

प्रयागराज: फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को लेकर आचार्य महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अजय दास के बीच रार छिड़ गई है। खुद को अखाड़े का संस्थापक बताते हुए अजय दास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को निष्कासित करने का दावा किया गया। इसके जवाब में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी पलटवार किया है। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि अजय दास को चरित्र हीनता में 2017 में ही अखाड़े से निकाला जा चुका है। इस बीच अखाड़ा परिषद का भी साथ लक्ष्मी नारायण को मिला है। परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी का भी लक्ष्मी नारायाण त्रिपाठी को साथ मिला है। रविंद्रपुरी ने तो यहां तक कह दिया कि अजय दास का नाम ही उन्होंने पहली बार सुना है।

किन्नर अखाड़े ने कुछ दिन पहले ही संगम तट पर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था। शुक्रवार को खुद को अखाड़े का संस्थापक बताते हुए अजय दास ने ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को उनके पदों से हटाने का दावा किया। महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा के साथ प्रेस कांफ्रेस करते हुए अजय दास ने दावा किया कि 2015 में उन्होंने किन्नर समुदाय को जोड़ने के लिए अखाड़े का गठन किया था। इसमें लोगों को पद दिए। उज्जैन कुम्भ में उन्हीं के नाम पर जमीन मिली थी। कहा कि इसके बाद उनके साथ राजनीति की गई और धीरे-धीरे उन्हें किनारे कर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े पर कब्जा कर लिया। 2019 के कुंभ मेले में जूना अखाड़े के साथ समझौता कर लिया और वो गिरि बन समुदाय में चली गईं।

अजय दास का नाम तक नहीं सुनाः रविंद्रपुरी

किन्नर अखाड़े की रार पर अखाड़ा परिषद का साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को मिला है। अध्यक्ष रविंद्र पुरी और महामंत्री हरिगिरि ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का समर्थन किया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि हम जब से जानते हैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को जानते हैं। अजय दास का नाम तो हमने सुना ही नहीं है। किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ है और हम सब लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ, जो लोग दावा कर रहे हैं वो पहले यह बताएं कि उन्होंने कब अखाड़ा बनाया। ऐसे लोगों को नोटिस दी जाएगी।

वहीं जूना अखाड़ा के संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि हम किसी और को नहीं जानते। इतना जरूर है कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से हमारा एग्रीमेंट हुआ है। जिस पर उनके अखाड़े के सदस्यों के भी हस्ताक्षर हैं। किन्नर अखाड़ा हमारे साथ था और रहेगा। कोई और किन्नरों को लेकर अखाड़ा बनाना चाहे तो बनाएं। सनातन धर्म में परिजनों की संख्या बढ़ने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और किन्नर अखाड़ा हमारे साथ है।

बॉलीवुड की बोल्ड अभिनेत्री के रूप में मशहूर रहीं ममता कुलकर्णी शुक्रवार को महामंडलेश्वर बन गईं। महाकुंभ में संगम स्नान और पिंड दान के बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता का पट्टाभिषेक करते हुए उन्हें नया नाम भी दिया। ममता कुलकर्णी अब यामाई ममता नंद गिरि कहलाएंगी। ममता वैसे तो करीब दो दशक से साध्वी जैसी ही जिंदगी जीने का दावा करती रही हैं। उन्होंने आज महामंडलेश्वर बनने से ठीक पहले भी कहा कि इस उपाधि को पाने से पहले उनकी परीक्षा भी ली गई है। 23 साल तक की गई तपस्या, साधना और ध्यान से संबंधित ढेर सारे सवाल पूछे गए। हर सवाल का सही जवाब देने और तरह तरह की परीक्षाओं में पास होने के बाद उन्हें यह उपाधि मिली है।



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