Header Ads

वक्फ बोर्ड का कुंभ भूमि पर दावे पर सनातनी आस्था पर आघात... 

 


रिपोर्ट:- विजित कुशवाहा 

प्रयागराज. कुंभ मेले की पवित्र भूमि पर वक्फ बोर्ड का दावा सनातनी हिंदुओं की आस्था पर गहरी चोट है। हिंदू जनजागृति समिति ने इस दावे को सुनियोजित प्रयास बताते हुए इसे सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं पर आघात करार दिया है। समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक डॉक्टर चारुदत्त पिंगळे ने कहा कि जब अरब में ‘वक्फ’ की अवधारणा का जन्म भी नहीं हुआ था, उससे लाखों वर्ष पहले से प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। गंगा जी की भूमि को वक्फ की मान्यता देना न केवल हास्यास्पद है, बल्कि सनातनी आस्था को अपमानित करने का प्रयास है।

डॉ. पिंगळे ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी द्वारा कुंभ मेला स्थल की 54 बीघा भूमि पर वक्फ का दावा करना अत्यंत निंदनीय है। यह दावा न केवल निराधार है, बल्कि कुंभ मेले के पवित्र वातावरण को बिगाड़ने की साजिश है। हिंदू जनजागृति समिति इसका कड़ा विरोध करती है और सरकार से मांग करती है कि इस दावे को तुरंत खारिज करते हुए संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

इस अवसर पर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड कुंभ मेले की भूमि को अपनी मानता है, तो मुस्लिम समुदाय को रामजन्मभूमि पर अतिक्रमण के समय ऐसी “उदारता” क्यों नहीं दिखाई गई? आज भी काशी, मथुरा और संभल सहित 15,000 मंदिर इस्लामिक अतिक्रमण के अधीन हैं। वक्फ बोर्ड का यह दावा न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों का अपमान है, बल्कि भारतीय संस्कृति पर हमला है।

राजहंस ने यह भी कहा कि कुंभ क्षेत्र को वक्फ की भूमि मानने वाले व्यक्ति पर NSA के तहत मुकदमा दर्ज होने चाहिए। समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि वह कुंभ के पवित्र वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए कठोर कदम उठाए।

इस पत्रकार वार्ता में सनातन संस्था के कुंभ अभियान समन्वयक आनंद जाखोटिया भी उपस्थित रहे। समिति ने स्पष्ट किया कि कुंभ मेले की भूमि सनातन धर्म का अभिन्न अंग है और इसे किसी अन्य दावे से खंडित नहीं होने दिया जाएगा।

Blogger द्वारा संचालित.