Header Ads

महाकुंभ में तीन शंकराचार्यों ने किया अमृत स्नान:नागा साधुओं ने तलवार लहराईं: श्रद्धालुओं ने पैरों की धूल बटोरी: हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए...



रिपोर्ट:- विजित कुशवाहा
प्रयागराज: मौनी अमावस्या पर सबसे पहले तीन शंकराचार्यों ने अमृत स्नान किया। इसके बाद साधु-संतों ने छोटे-छोटे ग्रुप में अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक रूप से संगम स्नान किया।

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज रथ पर निकले। नागा साधुओं ने तलवार लहराईं। जयकारे लगाते हुए संगम घाट पहुंचे। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने संगम में डुबकी लगाई। हेलिकॉप्टर से संतों और श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई।

इससे पहले बुधवार तड़के अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए निकले थे। इस बीच, भगदड़ के बाद संगम पर हालात बेकाबू हो गए। प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की- स्नान के लिए न जाएं। साधु-संतों ने बैठक की। पहले तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे।



हालात पर 3 घंटे में काबू पा लिया गया। सीएम ने अखाड़ों से बात की। संत अमृत स्नान के लिए राजी हो गए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया, 'हम अपने देवता के साथ सांकेतिक अमृत स्नान करेंगे। कोई बड़ा जुलूस नहीं निकालेंगे।'


Blogger द्वारा संचालित.