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विश्व के सबसे बड़े अलौकिक महामृत्युंजय यंत्र का किया गया भूमि पूजन...







रिपोर्ट:- विजित कुशवाहा 

प्रयागराज. विश्व के सबसे बड़े अलौकिक महामृत्युंजय यंत्र का किया गया भूमि पूजन 

पूर्ण महाकुंभ 2025 में देश-विदेश के कोने-कोने से आने वाले 40 करोड़ 40 श्रद्धालुओं के लिए बनेगा आकर्षण का केंद्र 

श्रद्धालुओं को दिखेगा पर्यावरण व अध्यात्म का अनूठा संगम

पूर्ण महाकुंभ 2025 मेला क्षेत्र संगम विहार सेक्टर 22 झूंसी प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े महामृत्युंजय यंत्र का भूमि पूजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान विधान परिषद अध्यक्ष उत्तर प्रदेश मानवेंद्र सिंह, चेयरपर्सन सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र संस्थान परम पूज्य सद्गुरु मां उषा जी, परम पूज्य स्वामी सहजानंद सरस्वती पीठाधीश्वर सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र संस्थान,अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज,महामंडलेश्वर परम पूज्य रामेश्वरानंद जी महाराज,सहित सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे जहां पर विधि विधान से पूजा अर्चना कर भूमि पूजन किया गया,दरअसल गंगा - यमुना अदृश्य सरस्वती की पावन धरा पर स्थापित होने वाले विश्व का प्रथम भव्य महामृत्युंजय यंत्र विश्व में अपनी तरह का पहला अलौकिक यंत्र है शिव महामृत्युंजय मंत्र के 52 अक्षरों के आधार पर इसका आकर बनाया गया है इस यंत्र की चौड़ाई 52 फीट तथा लंबाई 52 फुट होने के साथ-साथ इसकी ऊंचाई भी 52 फुट रखी गई है जबकि 151 प्रकांड पंडितों द्वारा 8,00,000 महामृत्युंजय मंत्रों से अभिमंत्रित यह यंत्र पूरे विश्व में सकारात्मक वातावरण का संचार करेगा, सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र संस्थान की चेयरपर्सन परम पूज्य सद्गुरु मां उषा जी तथा परम पूज्य स्वामी सहजानंद सरस्वती पीठाधीश्वर सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान द्वारा बताया गया कि अभी तक महामृत्युंजय यंत्र 2- Dस्वरूप में मिलता है वर्तमान में 3- D महामृत्युंजय यंत्र की विधि अनुसार स्थापना की जा रही है वह स्वरूप सिद्ध महामृत्युंजय अंतर्राष्ट्रीय योग एवं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र ने वर्षों के अनुसंधान के बाद तैयार किया है अनुसंधान केंद्र द्वारा तैयार महामृत्युंजय यंत्र के वर्तमान में 3- D स्वरूप पर हर तरह के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक पक्ष को ध्यान में रखा गया है।


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